गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया विचार गोष्ठी भारत के संविधान को समर्पित

Mon 27-Jan-2025,02:33 AM IST -07:00
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प्रतिनिधी संजय कालिया जालंधर (पंजाब)

 हमारा संविधान हमें सामाजिक समरसता का संदेश देता है

आज शेड्यूल कास्ट एकता एंपावरमेंट फ़ोरम (सीफ़) व सामाजिक समरसता गतिविधि की तरफ से जालंधर में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। ये विचार गोष्ठी भारत के संविधान को समर्पित थी जिसमें विशेषज्ञों ने संविधान के विभिन्न पहलुओं पर विषय रखा सर्व प्रथम वहां आए हुऐ अतिथिगणों ने ज्योती प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उदघोष किया और कार्यक्रम की शुरुवात ऐडवोकेट सुकुमारी आरती एवं ऐडवोकेट सुकुमारी तम्मन्ना ने वंदेमातरम का गायन किया।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर सामाजिक समरसता के अखिल भारतीय संयोजक श्री श्याम प्रसाद जी मौजूद रहे। उन्होंने अपने संबोधन में बोलते हुए जहां संविधान निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताया वहीं उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सारे विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान है जिसे बाबा साहब ने पूरे विश्व के संविधानों को अध्ययन करने के बाद बनाया और हमारा संविधान हमें सामाजिक समरसता का संदेश देता है। उन्होंने आगे कहा कि नागरिकों को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्य पालन पर भी ध्यान देना चाहिए। इस दौरान हरियाणा के डिप्टी एडवोकेट जनरल सुरेंद्र कुमार ने कहा कि भारत का संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है और हम सबको इसके अनुसार चलना चाहिए ये ही बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी को असल सम्मान होगा। इस मौके पर कार्यक्रम के अध्यक्ष डिविजनल कमिश्नर (retd) श्री प्रदीप सभ्रवाल ने भी अपने विचार रखे और संविधान के महत्व के बारे बताया उन्होंने कहा कि हमारा संविधान देश के प्रत्येक वर्ग जैसे कि औरतों, किसानों, मजदूरों आदि को जहां उनके अधिकार दिलाता है वहीं समूह नागरिकों द्वारा कर्तव्य पालन की भी बात करता है। कार्यक्रम में डॉ.हरदेव सिंह सिविल सर्जन (retd.) विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद रहे तथा उन्होंने भी संबोधन किया। इस दौरान उत्तर क्षेत्र के सामाजिक समरसता प्रमुख वरिष्ठ प्रचारक प्रमोद,राकेश कपूर,एस.सी.कमीशन पंजाब के पूर्व चेयरमैन राजेश बाघा,एडवोकेट मोहित भारद्वाज,एडवोकेट आर एल सुमन,एडवोकेट बलराज शर्मा,जोगी तलहन,भूपिंदर,साहिल भल्ला,नरेश बांगड़,बलराज बद्धन,संजय कालिया,एडवोकेट तमन्ना,एडवोकेट आरती,एडवोकेट पारस,रिदम सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे।